दिल्ली में कोरोना के नये मामलों ने आज पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिये है. आज जारी हेल्थ बुलेटिन के मुताबिक़ दिल्ली में कोरोना के 28,867 नए मामले सामने आए हैं ये दिल्ली में किसी भी एक दिन में आये सबसे ज्यादा कोरोना मामले हैं इससे पहले 20 अप्रैल को 28,395 केस आये थे. इसके साथ ही अब सक्रिय कोरोना मरीजों की संख्या भी 94,160 हो गयी है जो कि करीब साढ़े 8 महीने में सबसे ज़्यादा है. इससे पहले 1 मई को ये संख्या 96,747 थी.
इन नये मामलों के साथ ही कोरोना की संक्रमण दर भी बढ़कर 29.21 प्रतिशत हो गयी है. वहीं दिल्ली में कोरोना से हुयी मौत के आंकड़ों पर भी नज़र डालें तो पिछले 24 घंटे में 31 लोगों की मौत हुई है और इसके साथ ही पिछले पांच दिनों के आंकड़ों पर गौर करें तो ये संख्या 128 हो जाती है. ये ज़रूर है कि कल के मुक़ाबले आज मौत के आंकड़े कम आये हैं, कल 40 लोगों की मौत के मामले सामने आये थे.
दिल्ली सरकार द्वारा जारी हेल्थ बुलेटिन के मुताबिक़ होम आइसोलेशन में इस वक्त 62,324 मरीज़ है. जबकि पिछले 24 घंटे में डिस्चार्ज हुए मरीज़ों का संख्या की बात करें तो ये संख्या 22,121 रही. इस बीच पिछले 24 घंटे में 98,832 टेस्ट कराये गये जिनमें से 80,417 आरटीपीसीआर टेस्ट किये गये जबकि एंटीजन टेस्ट की संख्या 18,415 रही.
इसके साथ ही कंटेनमेंट जोन्स की संख्या भी बढ़कर अब 23,997 हो गयी है. दिल्ली के अस्पतालों में भर्ती मरीज़ों की संख्या पर नज़र डालें तो दिल्ली में इस वक्त 2424 मरीज़ अस्पतालों में भर्ती हैं जिनमें 628 मरीज़ आईसीयू बेड पर भर्ती है तो 768 मरीज़ ऐसे है जो ऑक्सीजन बेड या वेंटिलेटर पर भर्ती है
बढ़ते कोरोना आंकड़ों पर जब आज दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन से सवाल पूछा गया तो उन्होंने बताया कि कोरोना के मामले जो बढ़ रहे है उसे देखकर घबराने की ज़रूरत नहीं है. क्योंकि टेस्ट ज़्यादा हो रहे है इसलिये केस भी ज़्यादा सामने आ रहे है.
सत्येन्द्र जैन ने कहा कि पिछले 4-5 दिनों से अस्पतालों में भर्ती मरीज़ों की संख्या एक समान बनी हुई है. उन्होंने कहा कि इनमें कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है इससे समझा जा सकता है कि अभी स्थिति ठीक है और अब मामले कम आयेंगे. सत्येन्द्र जैन ने आगे कहा कि इसे ऐसे भी समझ सकते हैं कि पीक के आसपास हम हैं और 3-4 दिनों तक ऐसी ही स्थिति बनी रही तो उम्मीद है कि कोरोना मामलों में अब आगे ढलान ही देखने को मिलेगा.
मौत के तेज़ी बढ़ते इन आंकड़ों पर भी जब मंत्री सत्येन्द्र जैन से सवाल पूछा गया तो उन्होंने जवाब में कहा कि इन मौतों की हमने जांच की है ज़्यादातर उन लोगों की मौत हो रही है जो पहले से किसी ना किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं यानि को-मार्बिड वाले लोगों की ही मौत हो रही है.
सत्येन्द्र जैन ने जानकारी देते हुये कहा कि कुछ दिन पहले 24 साल के एक लड़के ने सुसाइड किया था बाद में जब उसकी कोविड टेस्ट रिपोर्ट आयी तो वो पॉज़िटिव निकला. ऐसे में कुछ मामले ऐसे भी सामने आ रहे है जिनकी मौत किसी और वजह से होती है लेकिन अगर इस दौरान उसे कोरोना भी हुआ है तो उसे कोरोना के मौत के आंकड़ों में ही जोड़ लिया जाता है तो इसलिये भी मौत के आंकड़े कई बार ज़्यादा नज़र आते है ।